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शुक्रवार, 13 नवंबर 2009

एक भी भारतीय मुस्लमान देशभक्त नही है..!! No Indian Muslim Is Patriostic..!!!


पिछ्ले कुछ दिनों से जब से जमाते इस्लामी ने "वन्दे मातरम" के फ़तवे के मसले पर अपनी राय रखी है तब से पुरे देश में बवाल मचा हुआ कोई मुसलमानों को गाली दे रहा है,  कोई चेतावनी दे रहा है की हम काटने को बैठे है,             

कोई इस्लाम के "सच्चे" फ़ालोवर्स से परिचय करा रहा है,        कोई मुसलमानों को बता रहा है की उन्हे "वन्दे मातरम" गाना चाहिये, कोई गद्दार कह रहा है, कोई हमें देश से बाहर निकालने को तैयार बैठा है।

वन्दे मातरम का अर्थ क्या है?? वो मुह्म्मद उमर कैरानवी बता चुके है..!!!

इसलिये सीधे मुद्दे की बात करते है...

जो लोग इस फ़तवे पर इतना बवाल मचा रहे है उन सब लोगों से मैं सवाल करना चाहता हूं   "क्या वन्देमातरम गाना देशप्रेम का सर्टिफ़िकेट है?"  "क्या वन्देमातरम को ना गाने वाला देशद्रोही है?" "अगर कोई मुस्लमान फ़ौजी "वन्देमातरम" नही गायेगा तो क्या वो भी देशद्रोही कहलायेगा?"



जो लोग वन्दे मातरम को लेकर इतना शोर कर रहे है उनमें से किसको "वन्दे मातरम" मुंह ज़बानी याद है??? किसको उसका अर्थ याद है??? भारत के किस शख्स ने "वन्दे मातरम" के अर्थ को अपनी ज़िन्दगी मे उतारा है??? "वन्देमातरम" हो, "जन गण मन" हो, या "सारे जहां से अच्छा" कौन इनके ऊपर अमल कर रहा है??? सबको बस हराम का पैसा चाहिये एक छोटा सा डाकिया भी कोई ज़रुरी कागज़ देने के लिये बीस से तीस रुपये मांगता है और जब भी कोई बेवकुफ़ उलेमा कोई फ़तवा देता है तो यही लोग देशभक्त और देशप्रेमी बनकर खडे हो जाते है गाली देने के लिये!


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