जर्मन के डॉ विलफराइड हॉफमेन ने १९८० में जब इस्लाम कबूल किया तो जर्मनी में हलचल मच गई। उनके इस फैसले का बड़े पैमाने पर विरोध हुआ। उन्होने अपना नाम मुराद हॉफमेन रखा। जर्मनी के दूत और नाटो के सूचना निदेशक रह चुके डॉ मुराद हॉफमेन ने इस्लाम पर कई किताबें लिखी हैं।
१९८० में इस्लाम ग्रहण करने वाले डॉ हॉफमेन १९३१ में जर्मनी कैथोलिक ईसाई परिवार में पैदा हुए। उन्होने न्यूयार्क के यूनियन कॉलेज से ग्रेजुएशन किया और म्यूनिख यूनिवर्सिटी से कानूनी शिक्षा हासिल की। १९५७ में धर्मशास्र में डॉक्टरेट की। १९६० में हार्वर्ड लॉ स्कूल से उन्होने एलएलएम की डिग्री हासिल की। १९८३ से १९८७ तक ब्रूसेल्स में उन्होने नाटो के सूचना निदेशक के रूप में काम किया। वे १९८७ में अल्जीरिया में जर्मनी के दूत बने और फिर १९९० में मोरक्को में चार साल तक जर्मनी एम्बेसेडर के रूप में काम किया।
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आओ उस बात की तरफ़ जो हममे और तुममे एक जैसी है और वो ये कि हम सिर्फ़ एक रब की इबादत करें- क़ुरआन