World's First Islamic Blog, in Hindi विश्व का प्रथम इस्लामिक ब्लॉग, हिन्दी मेंدنیا کا سبسے پہلا اسلامک بلاگ ،ہندی مے ਦੁਨਿਆ ਨੂ ਪਹਲਾ ਇਸਲਾਮਿਕ ਬਲੋਗ, ਹਿੰਦੀ ਬਾਸ਼ਾ ਵਿਚ
आओ उस बात की तरफ़ जो हममे और तुममे एक जैसी है और वो ये कि हम सिर्फ़ एक रब की इबादत करें- क़ुरआन
Home » , » बहुत कुछ रखा है नाम में

बहुत कुछ रखा है नाम में

Written By इस्लामिक वेबदुनिया on बुधवार, 23 सितंबर 2009 | बुधवार, सितंबर 23, 2009

जी हां,यह सच है। मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि व्यक्ति के नाम का असर उसके व्यक्तित्व पर पड़ता है,इसलिए नाम अच्छे अर्थ वाले रखे जाने चाहिए। मुहम्मद सल्ललाहो अलैहे व सल्लम ने तो चौदह सौ साल पहले ही नामों की अहमियत बताते हुए अच्छे नाम रखने पर जोर दिया था।
बहुत कम लोग हैं जो अपने बच्चों का नाम निकालते वक्त उसके मायने पर गौर करते हैं। रखे गए नाम का अर्थ क्या है,वे नहीं जानते। बल्कि अब तो माडर्न दिखने की चाह के चलते लोग अपने बच्चों के बेतुके नाम रखने लगे हैं। आधुनिकता के नाम पर आधे अधूरे नाम रखने का फैशन भी चल पडा है। मुस्लिम भी इस माहौल से अछूते नहीं रहे हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि नाम और व्यक्तित्व में सीधा संबंध होता है? जी हां,यह सच है। मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि व्यक्ति के नाम का असर उसके व्यक्तित्व पर पडता है,इसलिए नाम अच्छे अर्थ वाले रखे जाने चाहिए। नाम ऐसे हो जो व्यक्ति में खूबियां पैदा करे,उसके व्यक्तित्व को संवारे और तराशे । इस्लाम के महान पैगम्बर मुहम्मद सल्ललाहो अलैहे व सल्लम ने तो चौदह सौ साल पहले ही नामों की अहमियत बताते हुए अच्छे नाम रखने पर जोर दिया था। सवाल उठता है कि बच्चों का नाम रखते वक्त किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? सबसे पहले नाम के अर्थ पर गौर करना चाहिए। नाम का अर्थ नकारात्मक नहीं होना चाहिए। वे नाम जिनके अर्थ नेगेटिव निकलते हो उनसे बचना चाहिए। घमण्ड पैदा करने वाले नामों से भी परहेज किया जाना चाहिए। अच्छा नाम ना केवल व्यक्ति के अन्दर खूबियों को बढावा देता है बल्कि बाहर भी व्यक्ति को नाम के मुताबिक इज्जत और रूतबा दिलाता है। नामों की अहमियत का अंदाजा आप कुरआन की इस आयत से लगा सकते हैं जिसमें अल्लाह खुद अपने बन्दों से कहता है कि वे उसे अच्छे नामों से पुकारे। ऐसे नामों से जिनमें अल्लाह की बड़ाई और पाकीजगी सहित उसकी विभिन्न खूबियों का जिक हो। कुरआन में है- अल्लाह अच्छे नामों का हकदार है। तुम उसको अच्छे नामों से ही पुकारो और उन लोगों को छोड़ दो जो अल्लाह के नामों के संबंध में कुटिलता करते हैं। जो कुछ वे करते हैं उसका बदला वे पाकर रहेंगे। 7:180
अच्छे नाम रखने की हिदायत हदीस में भी बयान की गई है। पैगम्बर सल्ल। ने फरमाया-कयामत के दिन तुम अपने और वालिद के नाम से पुकारे जाओगे इसलिए अपने नाम अच्छे रखो। अबू दाउद,
बुरे नाम मुहम्मद सल्ल पसंद नहीं करते थे। सईद इब्ने मुसायिब अपने वालिद से रिवायत करते हैं कि उनके दादा जब एक बार मुहम्मद सल्ल. के पास गए तो उन्होने मेरे दादा से पूछा-तुम्हारा नाम क्या है? मेरे दादा ने बताया-हज्न। पैगम्बर सल्ल ने फरमाया-तुम अपन नाम सहल रखो। मेरे दादा ने कहा-मैं अपना नाम नहीं बदलूंगा,क्योंकि यह नाम मेरे वालिद ने निकाला है। रिवायत में है कि फिर गम‘हज्न के मायने गम होता है’ उनके साथ हरदम जुडा रहा। मुहम्मद सल्ल. की आदत थी कि जो भी कोई उनके पास आता तो वे उसका और उसके गांव का नाम पूछा करते थे। अगर कोई नाम उन्हे पंसद नहीं आता तो वे उसे बदल देते थे।आयशा रजि.कहती हैं कि रसूलल्लाह सल्ल. बुरे नामों को बदलकर अच्छा नाम निकाल देते थे। तिर्मिजी अब्दुल्लाह बिन उमर रजि. रिवायत करते हैं कि उनकी एक बहिन का नाम आसिया था। पैगम्बर सल्ल. ने उसका नाम बदलकर जमीला रख दिया। जैनब रजि. कहती हैं- ‘पहले मेरा नाम बिर्राह था। रसलूल्लाह सल्ल. ने मुझसे कहा-पवित्र आत्मा होने का दावा मत करो, क्योंकि अल्लाह बेहतर जानता है कि पाक रूह किसकी है?
पूरा आलेख पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें
Share this article :
"हमारी अन्जुमन" को ज़यादा से ज़यादा लाइक करें !

Read All Articles, Monthwise

Blogroll

Interview PART 1/PART 2

Popular Posts

Followers

Blogger templates

Labels

 
Support : Creating Website | Johny Template | Mas Template
Proudly powered by Blogger
Copyright © 2011. हमारी अन्‍जुमन - All Rights Reserved
Template Design by Creating Website Published by Mas Template