उस समय संसार आश्चर्यचकित रह गया जब कि 1977 में एक आधुनिक वैज्ञानिक खोज सामने आई कि मक्का भूमण्डल के सर्वथा मध्य में स्थित है। इस खोज का क्रेडिट एक मुसलमान वैज्ञानिक डा0 हुसैन कमालुद्दीन को जाता है। जब उन्होंने खोज का आरम्भ किया तो उनका अभिप्राय सर्वथा भिन्न था। वह ऐसा माध्यम तैयार करना चाहते थे जो संसार के किसी भी कोने में क़िबला का दिशा निर्देशन में सहायक बन सके। इसी उद्देश्य के अंतर्गत उन्होंने भूमण्डल का एक आधुनिक भौगोलिक रेखाचित्र तैयार किया और खोज शुरू की। अपनी प्रारम्भिक खोज में प्रथम लकीर खींजी और उस पर पाँच महाद्वीपों का मानचित्र बनाया। फिर हाथ में औज़ार बक्स लेकर उसके एक किनारा को मक्का के मानचित्र पर रखा और दूसरे किनारे को सारे महाद्वीपों की ओर घुमाया तो आकस्मिक रूप में यह नवीन खोज उनके सामने आ गई कि मक्का सारे संसार के मध्य में स्थित है।
और अभी कुछ दिनों पहले अल इस्कांडरिया के एक वैज्ञानिक सभा में मिस्र के विश्व इस्लामी दावत कौंसल के अध्यक्ष डा0 यहया वज़ीरी ने अपने एक गवेषणिक लेख में कहा कि प्रत्येक वैज्ञानिक तथ्य इस बात के प्रमाण हैं कि मक्का ही भूमण्डल का केंद्रीय शहर है।
प्रिय पाठकगण: यहीं पर हमें यह बात समझ में आती है कि इस्लाम चूंकि विश्वव्यापी धर्म है, मुहम्मद सल्ल0 की आगमन सम्पूर्ण संसार के लिए हुई है तथा क़ुरआन सारे मानव के मार्गदर्शन हेतु ईश्वर की ओर से बहुमूल्य उपहार है, इस लिए आवश्यकता थी कि मक्का में ही विश्व नायक आएं ताकि इस्लाम का संदेश विश्व के कोने कोने तक सरलतापूर्वक पहुंच सके।
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